पृथ्वी का निर्माण आज से लगभग 4.537 अरब वर्ष पहले हुई थी। हमारे सौरमंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिसपे जीवन संभव है । यहा पर जीवन के लिए आवश्यक सभी मूलभूत चीजे उपलब्ध है। पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पे जीवन संभव नहीं है ।यहा पर जल की अधिक उपलब्धता के कारण इसे नीला ग्रह कहते हैं। यहा पर लगभग 71% जल तथा 29% भाग स्थल है। तो चलिए हम जानते हैं इससे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां-https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%83%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%80
![पृथ्वी का चित्र](https://i0.wp.com/taajaknowledge.com/wp-content/uploads/2023/09/images-72.jpeg?resize=639%2C480&ssl=1)
पृथ्वी की बनावट :-
इसकी आकृति नारंगी की तरह है। यह ध्रुव पर दबी हुई है। इसकी आकृति को ग्लोब द्वारा दर्शाया जाता है। इसकी ध्रुवीय दूरी 12714 किलोमीटर तथा विषुवत रेखीय दूरी 12756 किलोमीटर है। ध्रुवीय तथा विषुवत रेखा दूरी में लगभग 42 किलोमीटर का अंतर है। यह अपने तल पर 66 1/2° तथा तथा अपने अक्ष पर 23 1/2° झुका हुआ है।
जलवायु से जुड़े जानकारी पाने के लिए इस लिंक पर जाएं।https://taajaknowledge.com/%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%81-2023-%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/
संरचना :-
पृथ्वी की तीन परतें हैं। इसके की ऊपरी परत को सियाल कहा जाता है क्योंकि इसमें सिलिका तथा अल्मुनियम मुख्य रूप से पाई जाती है । जिसे हम भूपर्पटी या भू – पटल भी कहते हैं।
इसके के बीच के परत को सीमा कहा जाता है क्योंकि इसमें सिलिका तथा मैग्नीशियम मुख्य रूप से पाए जाते हैं। इस मेंटल भी कहा जाता है।
इसके के सबसे निचले परत को नीफे कहा जाता है क्योंकि इसमें निकेल तथा लोहे जैसे तत्व मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
गति :-
पृथ्वी 2 तरीकों से गति करती है-
• घूर्णन – पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। इसके अपने अक्ष पर घूमने की चाल 1610 किलोमीटर प्रति घंटा है तथा एक घूर्णन लगभग 24 घंटे में पूर्ण होती है । इसके घुमने के कारण ही दिन तथा रात का होना , समीर का उत्पन्न होना तथा ज्वार भाटा का उत्पन्न होती है।https://taajaknowledge.com/%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%81-2023-%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/
• परिक्रमण – यह अपने अक्ष के घूर्णन के साथ-साथ सूर्य का परिक्रमण भी करती है । सूर्य का एक बार चक्कर लगाने में लगभग 365 दिन 6 घंटे का समय लगता है। पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहते हैं। सूर्य के परिक्रमा करने के कारण ऋतु परिवर्तन , दिन का छोटा – बड़ा होना तथा ध्रुव पर 6 महीने का दिन तथा 6 महीने का रात होता है।
अपसौर – उपसौर :-
जब सूर्य से पृथ्वी की दूरी बढ़ जाती है तब इस घटना को अपसौर कहते हैं । यह घटना प्रतिवर्ष 4 जुलाई को होती है।
जब सूर्य से पृथ्वी की दूरी घट जाती है तब इस घटना को उपसौर कहते हैं । यह घटना प्रतिवर्ष 3 जनवरी को होती है।
![images 74](https://i0.wp.com/taajaknowledge.com/wp-content/uploads/2023/09/images-74.jpeg?resize=750%2C394&ssl=1)
खगोलीय इकाई :-
पृथ्वी से सूर्य की बीच की औसत दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। इसी दूरी को खगोलीय इकाई कहते हैं। सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट 16 सेकंड का समय लगता है।
मानव रोग से सबंधित नोट्स का लिंक https://taajaknowledge.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b5-%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%97-2024/
उपग्रह :-
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। चंद्रमा के कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं –
• चंद्रमा का प्राकृतिक दृश्य – चंद्रमा को रात के समय देखने पर उसमें धब्बा दिखाई पड़ता है । वास्तव में वह क्रेटर है जो उल्का पिंड के गिरने के कारण बना है। चंद्रमा पर क्रेटर तथा पर्वतों की संख्या अधिक है।
• चंद्रमा की गति :- चंद्रमा धरती के चारों ओर घूमता है। यह युवा अवस्था में धरातल के समीप रहता है लेकिन धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर हो रहा है।
![images 73](https://i0.wp.com/taajaknowledge.com/wp-content/uploads/2023/09/images-73.jpeg?resize=738%2C416&ssl=1)
• आकार तथा दुरी :- चांद इसकी एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह पृथ्वी से बहुत नजदीक है। इसका आकार छोटा है और यह पृथ्वी से लगभग 3,84,400 किलोमीटर दूरी पर है। चांद से प्रकाश धरातल तक आने में 1.28 सेकंड का समय लगता है। चांद के पास अपना प्रकाश नही है । यह सूर्य के प्रकाश को प्रवर्तित करती है।
धरती पर मानव गति ने प्रदूषण को बढ़ा दिया है, जिससे वायुमंडलीय तथा जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम इसके के लिए एक नकारात्मक पहलू हो सकते हैं, जैसे की बढ़ती तापमान और तटों के तटाकरण का खतरा।
Very good